Friday, November 16, 2012







जिनको ये खबर नहीं की रंग क्या है ज़लज़ले का,
उन्हें एक बार समंदर में उठता तूफ़ान दिखाओ.
और जिन्हें ये पता नहीं कि दर्द क्या है फासले का,
उन्हें एक बार अपनों से दूर छोड़ के आओ.

© सुशील मिश्र.

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