Friday, February 15, 2013



ज्ञान का विज्ञान का संधान दो माँ शारदे,
वाणी  सुसंस्कृत बन सके वो ज्ञान दो माँ  शारदे।
संगीत,संस्कृत, संस्कृति का मानसिक संबल मिले,
स्पष्ट सुरभित लेखनी का वरदान दो माँ शारदे।

© सुशील मिश्र।
    15/02/2013



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