Sunday, July 5, 2015

दिलों के दर्द

दिलों के दर्द

सही हो तो गलत से यूँ कभी झुठलाये नहीं जाते,
जो आंसूं गम के हैं तो सब को बतलाये नहीं जाते.
ये दुनिया जालसाज़ी और फ़रेबी हो गई है अब,
दिलों के दर्द चौराहों पे दिखलाये नहीं जाते.

समन्दर की सतह पर मोती मिला नहीं करते,
बवंडर की केवल खबर पर हौसले झुका नहीं करते.
जो तुमको मालूम है की अंगारों भरा सफ़र है ये,
तो, दिलों के दर्द चौराहों पे दिखलाये नहीं जाते.

ग़मों का एक समंदर है तेरे दिल में मेरे दिल में,
इबादत भी अजब सी है तेरे दिल में मेरे दिल में.
पर हसेंगे लोग जो दर्दे दिल बयां कर दिया तूने,
क्योंकि, दिलों के दर्द चौराहों पे दिखलाये नहीं जाते.

© सुशील मिश्र
 05/07/2015